उत्तराखंड में, हिमालय की तलहटी में गंगा नदी के किनारे बसा हरिद्वार भारत के सबसे पवित्र और प्राचीन शहरों में से एक है। इसका शाब्दिक अर्थ है “हरि का द्वार” या “भगवान का द्वार”, क्योंकि यह भगवान विष्णु (हरि) और भगवान शिव (हर) दोनों का निवास स्थान माना जाता है। यह वह स्थान है जहाँ गंगा नदी पहाड़ों को छोड़कर मैदानी इलाकों में प्रवेश करती है। हरिद्वार सिर्फ एक तीर्थ स्थल नहीं है, बल्कि चार धाम यात्रा का प्रवेश द्वार भी है, जो हर साल लाखों श्रद्धालुओं को अपनी ओर आकर्षित करता है। यहाँ का आध्यात्मिक वातावरण और गंगा आरती का दिव्य दृश्य मन को शांति से भर देता है।
हरिद्वार भारत के सात सबसे पवित्र शहरों में से एक है, जिन्हें सप्त पुरी कहते हैं। पौराणिक कथाओं के अनुसार, समुद्र मंथन के दौरान अमृत की कुछ बूँदें यहाँ गिरी थीं, यही कारण है कि यह स्थान इतना पवित्र माना जाता है। हर 12 साल में यहाँ विश्व प्रसिद्ध कुंभ मेला आयोजित होता है, जिसमें करोड़ों श्रद्धालु भाग लेते हैं। हरिद्वार का दिल गंगा नदी के घाटों में बसता है, जहाँ हर शाम गंगा आरती होती है।
हरिद्वार सिर्फ़ एक शहर नहीं, बल्कि एक अनुभव है। यहाँ लोग सवालों के जवाब ढूंढने, मन की शांति पाने या बस गंगा की पवित्र धारा में डुबकी लगाने आते हैं। सावन महीने में होने वाली कांवड़ यात्रा हरिद्वार को विशेष बना देती है। लाखों श्रद्धालु देश के कोने-कोने से यहाँ आते हैं, जिससे यह जगह एकता और समर्पण का अद्भुत उदाहरण बन जाती है।
दिल्ली से हरिद्वार की दूरी और पहुँचने का तरीका
दिल्ली से हरिद्वार की दूरी लगभग 220 किमी है और कार से लगभग 5 घंटे में पहुँचा जा सकता है।
- 🚆 रेल मार्ग: दिल्ली से हरिद्वार और ऋषिकेश के लिए कई सीधी ट्रेनें रोज़ चलती हैं।
- 🚌 बस सेवा: वोल्वो और डीलक्स बसें नियमित चलती हैं।
- 🚗 सड़क मार्ग: सड़क यात्रा में बदलते नज़ारे, गाँव और खेत यात्रा को और सुखद बना देते हैं।
हरिद्वार में घूमने की प्रमुख जगहें
हरिद्वार में हर तरह के यात्री के लिए कुछ न कुछ है:
- हर की पौड़ी (Har Ki Pauri): यह हरिद्वार का सबसे पवित्र घाट है और इस शहर का केंद्र माना जाता है। माना जाता है कि यहाँ भगवान ब्रह्मा के पैरों के निशान हैं। शाम को होने वाली गंगा आरती यहाँ का सबसे बड़ा आकर्षण है। सैकड़ों जलते हुए दीपक और घंटों की आवाज के साथ होने वाली यह आरती एक अविस्मरणीय अनुभव होती है।

- मनसा देवी मंदिर (Mansa Devi Temple): यह मंदिर एक पहाड़ी, बिल्वा पर्वत, पर स्थित है। यहाँ तक पहुँचने के लिए आप या तो ट्रेकिंग करते हैं या रोपवे (उड़न खटोला) का उपयोग करते हैं। भक्तों का मानना है कि यहाँ एक धागा बांधने से उनकी मनोकामना पूरी होती है।
- चंडी देवी मंदिर (Chandi Devi Temple): यह मंदिर भी एक पहाड़ी, नील पर्वत, पर स्थित है। यह एक शक्ति पीठ भी है और यहाँ तक पहुँचने के लिए रोपवे की सुविधा है।
- माया देवी मंदिर (Maya Devi Temple): यह प्राचीन मंदिर हरिद्वार की संरक्षक देवी को समर्पित है और यह भी एक शक्ति पीठ है।
- भारत माता मंदिर (Bharat Mata Temple): यह एक अनोखा मंदिर है जो मदर इंडिया को समर्पित है। इस मंदिर में कई मंजिलें हैं, जिनमें भारत के इतिहास, स्वतंत्रता संग्राम और महान व्यक्तियों को दर्शाया गया है।
- दक्ष महादेव मंदिर – पौराणिक कथाओं से जुड़ा यह मंदिर भगवान शिव के भक्तों के लिए विशेष महत्व रखता है।
यात्रियों के लिए खास अनुभव
- सूर्योदय के समय गंगा स्नान या केवल पैर डुबोकर बैठना।
- शाम को हर की पौड़ी पर गंगा आरती का हिस्सा बनना।

हर की पौड़ी पर गंगा आरती
- प्रसिद्ध आलू पूरी, गरमा-गरम जलेबी और ठंडी लस्सी का स्वाद लेना।
- योग सत्र या आश्रम में ध्यान का अनुभव करना।
- रोपवे से मनसा देवी और चंडी देवी मंदिर तक पहुँच कर पैनोरमिक व्यू का आनंद लेना।
हरिद्वार में क्या करें
हरिद्वार की यात्रा सिर्फ मंदिरों तक सीमित नहीं है। यहाँ आप कई तरह के अनुभव प्राप्त करते हैं:
- गंगा स्नान: हरिद्वार की यात्रा का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा गंगा में एक पवित्र डुबकी लगाना है, जिसे गंगा स्नान कहते हैं। माना जाता है कि यह सभी पापों से मुक्ति दिलाता है।
- गंगा आरती में शामिल हों: हर शाम हर की पौड़ी पर होने वाली गंगा आरती में भाग लेना आपकी यात्रा का सबसे बड़ा अनुभव होता है।
- मंदिरों की यात्रा: हरिद्वार के अलावा, आप यहाँ से आसानी से ऋषिकेश के मंदिरों और योग केंद्रों की यात्रा भी कर सकते हैं।
- बाजारों की सैर: हरिद्वार के बाजारों में आप धार्मिक वस्तुएँ, हस्तशिल्प और स्थानीय मिठाइयाँ खरीदते हैं।
पहली बार आने वालों के लिए टिप्स
- शालीन कपड़े पहनें, क्योंकि घाट और मंदिर पवित्र स्थान हैं।
- कैश रखें, कई छोटी दुकानों पर ऑनलाइन भुगतान नहीं होता।
- आरामदायक चप्पल या सैंडल पहनें।
- पानी की बोतल, टोपी और सनस्क्रीन साथ रखें।
- भीड़ में धैर्य रखें और शांत घाटों पर समय बिताएँ।
घूमने का सबसे अच्छा समय
हरिद्वार घूमने का सबसे अच्छा समय सितंबर से मार्च के बीच होता है, जब मौसम सुखद और शांत रहता है। गर्मियाँ (अप्रैल से जून) यहाँ गर्म हो सकती हैं, जबकि मानसून में (जुलाई से सितंबर) यहाँ की हरियाली अपने चरम पर होती है, लेकिन भूस्खलन का खतरा हो सकता है।
हरिद्वार में हर डुबकी, हर घंटी की गूंज और हर मुस्कान एक अनोखा अनुभव देती है। यह जगह सच में स्वर्ग की सीढ़ी जैसी लगती है, जहाँ हर कोई समान है। चाहे आप तीर्थयात्री हों, पर्यटक हों या शांति की तलाश में हों – हरिद्वार आपको एक नया दृष्टिकोण और मन की शांति देकर लौटाता है।
By: Anushka Singhal