मशोबरा फोटो साभार @ incredibleindia
हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला से महज 12 किलोमीटर की दूरी पर स्थित, मशोबरा एक शांत और कम भीड़-भाड़ वाला हिल स्टेशन है। 2,246 मीटर (लगभग 7,700 फीट) की ऊंचाई पर बसा यह छोटा सा शहर उन लोगों के लिए एक आदर्श जगह है जो प्रकृति की गोद में आराम और सुकून की तलाश में हैं। अपनी प्राकृतिक सुंदरता, घने देवदार और ओक के जंगलों, और ठंडी जलवायु के कारण, मशोबरा को अक्सर शिमला का “सीक्रेट गेटवे” कहा जाता है।
मशोबरा अपनी प्राकृतिक सुंदरता और शांत वातावरण के लिए जाना जाता है। अन्य लोकप्रिय हिल स्टेशनों के विपरीत, यह शहर अभी भी व्यावसायीकरण से अछूता है, जिससे इसका शांत और शांतिपूर्ण माहौल बना रहता है। यहाँ की हरियाली मुख्य रूप से ओक, चीड़ और देवदार के पेड़ों से बनी है। मशोबरा उन ब्रिटिश अधिकारियों की पहली पसंद हुआ करता था जो शिमला के पास रहकर शांति का अनुभव करना चाहते थे।
मशोबरा की सबसे खास बात है कि यह शिमला से सिर्फ 10 से 15 किलोमीटर दूर है, जहाँ कार या लोकल टैक्सी से 30–40 मिनट में पहुँचा जा सकता है। रास्ते में देवदार के जंगल, सेब के बाग और छोटे-छोटे हिमाचली गाँव आपका स्वागत करते हैं।
दिल्ली या चंडीगढ़ से आने वाले यात्री अपनी कार से ड्राइव कर सकते हैं, बस से शिमला पहुँच सकते हैं या मशहूर टॉय ट्रेन का मज़ा ले सकते हैं। शिमला रेलवे स्टेशन से मशोबरा लगभग 11 किमी की दूरी पर है।
मशोबरा में घूमने की जगहें
- रिज़र्व फॉरेस्ट सैंक्चुअरी – एशिया के सबसे बड़े वाटरशेड्स में से एक, यह जगह पक्षी प्रेमियों और प्रकृति प्रेमियों के लिए स्वर्ग है। यहाँ देवदार, चीड़, ओक और बुरांश के पेड़ों के बीच ट्रेकिंग और कैम्पिंग का अलग ही आनंद है।
- क्रेगनानो नेचर पार्क – एक समय इटैलियन विला रहा यह पार्क हरे-भरे लॉन, मसाले के बाग और बहती धाराओं से घिरा है। यहाँ रॉक क्लाइम्बिंग और रैपलिंग जैसी एडवेंचर गतिविधियाँ भी होती हैं।
- महासू देवता मंदिर – भगवान शिव को समर्पित यह प्राचीन मंदिर मई में आयोजित महासू महोत्सव के दौरान बेहद जीवंत हो उठता है। यहाँ से आसपास की पहाड़ियों का दृश्य मन मोह लेता है।
- राष्ट्रपति निवास (प्रेसिडेंशियल रिट्रीट) – छराबड़ा के पास स्थित यह इमारत भारत के राष्ट्रपति का आधिकारिक ग्रीष्मकालीन आवास है। भले ही अंदर प्रवेश की अनुमति नहीं है, लेकिन आसपास के जंगल और सड़कों पर सैर अविस्मरणीय होती है।
- लक्कड़ बाज़ार और मॉल रोड – अगर शॉपिंग करनी हो या लोकल स्ट्रीट फूड का स्वाद लेना हो तो यहाँ ज़रूर जाएँ। लकड़ी के हस्तशिल्प और हिमाचली स्नैक्स यहाँ की पहचान हैं।
- चैडविक फॉल्स – मानसून के बाद अपनी पूरी खूबसूरती में नजर आने वाला यह झरना प्रकृति प्रेमियों के लिए बेहतरीन जगह है।
मशोबरा में क्या करें
मशोबरा में आप कई रोमांचक गतिविधियों में भाग लेते हैं:
- ट्रेकिंग: मशोबरा अपनी ट्रेकिंग ट्रेल्स के लिए जाना जाता है, जहाँ आप घने जंगलों से होकर गुजरते हैं और वन्यजीवों को देखने का मौका पाते हैं।
- पैराग्लाइडिंग: यहाँ पैराग्लाइडिंग की सुविधा भी उपलब्ध है, जो आपको हिमाचल की पहाड़ियों के ऊपर उड़ने का एक अनूठा अनुभव प्रदान करती है।
- कैंपिंग: मशोबरा के शांत वातावरण में कैंपिंग करना एक यादगार अनुभव है, जहाँ आप तारों भरे आसमान के नीचे समय बिताते हैं।
- रिवर राफ्टिंग: पास के तत्तापानी में आप रिवर राफ्टिंग का लुत्फ़ उठा सकते हैं।
मशोबरा पहुँचने के तरीके
मशोबरा तक पहुँचना बहुत सुविधाजनक है:
- सड़क मार्ग से: यह शिमला से सिर्फ 11 किलोमीटर दूर है, जहाँ तक आप टैक्सी या लोकल बस से 30-40 मिनट में पहुँच जाते हैं। दिल्ली (लगभग 352 किमी) और चंडीगढ़ (लगभग 120 किमी) से सीधी बसें या टैक्सी उपलब्ध हैं।
- रेल मार्ग से: मशोबरा का निकटतम रेलवे स्टेशन शिमला रेलवे स्टेशन है, जो भारत के प्रमुख शहरों से जुड़ा हुआ है।
- हवाई मार्ग से: मशोबरा का निकटतम हवाई अड्डा शिमला हवाई अड्डा है, जो यहाँ से 13 किलोमीटर दूर है। चंडीगढ़ हवाई अड्डा भी एक और विकल्प है, जो देश के सभी बड़े शहरों से जुड़ा है।
घूमने का सबसे अच्छा समय
मशोबरा घूमने का सबसे अच्छा समय आपकी पसंद पर निर्भर करता है:
- गर्मियाँ (मार्च से जून): यह मौसम सुखद और शांत रहता है (तापमान 15°C से 30°C के बीच), जो दर्शनीय स्थलों की यात्रा और बाहरी गतिविधियों के लिए आदर्श है।
- सर्दियाँ (अक्टूबर से फरवरी): यह बर्फबारी देखने और स्कीइंग का आनंद लेने का सबसे अच्छा समय है। इस दौरान तापमान शून्य से नीचे भी जा सकता है।
- मानसून (जुलाई से सितंबर): इस दौरान मशोबरा हरी-भरी सुंदरता में होता है, लेकिन भारी बारिश और भूस्खलन का खतरा हो सकता है।
अगर आप हिमाचल में भीड़ से दूर एक शांत, प्राकृतिक और सांस्कृतिक अनुभव चाहते हैं, तो मशोबरा आपका अगला ट्रैवल डेस्टिनेशन होना चाहिए। शिमला से थोड़ी सी दूरी पर, यह आपको हर पल अपनी खूबसूरती से मोहित करेगा।
By: Anushka SInghal