चोपता: उत्तराखंड का ‘मिनी स्विट्जरलैंड’

चोपता

उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले में स्थित, चोपता एक छिपा हुआ स्वर्ग है जिसे अक्सर “मिनी स्विट्जरलैंड” कहते हैं। समुद्र तल से लगभग 2,900 मीटर की ऊँचाई पर बसा यह छोटा सा हिल स्टेशन, अपनी प्राकृतिक सुंदरता, हरे-भरे घास के मैदानों (बुग्याल) और घने देवदार के जंगलों के लिए प्रसिद्ध है। चोपता उन पर्यटकों के लिए एक आदर्श स्थान है जो भीड़भाड़ से दूर, शांति और प्रकृति के बीच कुछ समय बिताना चाहते हैं। यहाँ का शांत वातावरण और हिमालय के लुभावने दृश्य मन को तरोताजा कर देते हैं।

चोपता न केवल अपनी प्राकृतिक सुंदरता के लिए प्रसिद्ध है, बल्कि यह एक महत्वपूर्ण धार्मिक और ट्रेकिंग गंतव्य भी है। यह पंच केदारों में से एक, तुंगनाथ मंदिर के लिए एक शुरुआती बिंदु है, जो दुनिया का सबसे ऊँचा शिव मंदिर है। इसके अलावा, यहाँ की जलवायु पूरे साल ठंडी रहती है, जिससे यह साल भर घूमने के लिए एक बेहतरीन जगह बनी रहती है।

चोपता के प्रमुख आकर्षण: दर्शनीय स्थल और अनुभव

चोपता में हर तरह के यात्री के लिए कुछ न कुछ है:

  • तुंगनाथ मंदिर: यह चोपता का सबसे प्रमुख आकर्षण है। यह मंदिर चोपता से लगभग 3.5 किमी की ट्रेकिंग के बाद पहुँचते हैं। भगवान शिव को समर्पित, यह दुनिया का सबसे ऊँचा शिव मंदिर है और पंच केदारों में से एक है। ट्रेकिंग का रास्ता घने जंगलों से होकर गुजरता है और हिमालय के शानदार दृश्य प्रस्तुत करता है।
तुंगनाथ मंदिर

तुंगनाथ मंदिर

  • चंद्रशिला चोटी: तुंगनाथ मंदिर से लगभग 1.5 किमी की खड़ी चढ़ाई के बाद आप चंद्रशिला की चोटी पर पहुँचते हैं। पौराणिक कथाओं के अनुसार, रावण को मारने के बाद भगवान राम ने यहीं पर तपस्या की थी। चोपता आने वाले हर यात्री के लिए चोपता-चंद्रशिला ट्रेक मुख्य आकर्षण है। लगभग 5.5 किलोमीटर का यह ट्रेक घने जंगलों, रंग-बिरंगे बुरांश के फूलों और हरे-भरे मैदानों से होकर गुजरता है। रास्ते में आपको मिलेगा दुनिया का सबसे ऊँचा शिव मंदिर – तुंगनाथ मंदिर। 3,680 मीटर की ऊँचाई पर स्थित इस मंदिर के बाद आगे बढ़ते हुए आप पहुँचते हैं चंद्रशिला शिखर (4,000 मीटर) पर। यहाँ से दिखने वाले हिमालयी दृश्य किसी सपने से कम नहीं लगते। नंदा देवी, त्रिशूल, चौखंबा और केदार शिखर जैसी ऊँचाइयाँ यहाँ से 360 डिग्री पैनोरमा में साफ दिखाई देती हैं।
चंद्रशिला चोटी

चंद्रशिला चोटी

  • देवरिया ताल: चोपता से लगभग 3 किमी दूर स्थित, देवरिया ताल एक शांत और खूबसूरत झील है, जो घने जंगलों से घिरी हुई है। इस झील के पानी में हिमालय की बर्फ से ढकी चोटियों का प्रतिबिंब दिखाई देता है, जो एक अद्भुत दृश्य होता है। यह झील कैंपिंग के लिए एक बहुत लोकप्रिय स्थान है।
  • कंचुला कोरक कस्तूरी मृग अभयारण्य: यह चोपता के पास स्थित एक वन्यजीव अभयारण्य है जो कस्तूरी मृगों के संरक्षण के लिए जाना जाता है। आप यहाँ हिमालयी जीवों और कई पक्षी प्रजातियों को देखते हैं।

चोपता में क्या करें

चोपता में आप कई रोमांचक गतिविधियों में भाग लेते हैं:

  • ट्रेकिंग और हाइकिंग: तुंगनाथ और चंद्रशिला ट्रेक के अलावा, आप यहाँ के बुग्यालों और जंगलों में लंबी पैदल यात्रा का आनंद ले सकते हैं।
  • कैंपिंग: चोपता और देवरिया ताल में कैंपिंग एक अविस्मरणीय अनुभव होता है, जहाँ आप शांत वातावरण में रात बिताते हैं।
  • बर्ड वाचिंग: यह स्थान पक्षी प्रेमियों के लिए एक स्वर्ग है, जहाँ आप हिमालयी मोनाल सहित कई प्रकार के पक्षियों को देखते हैं।
  • स्कीइंग: सर्दियों में, जब यहाँ भारी बर्फबारी होती है, आप स्कीइंग का आनंद ले सकते हैं।
चोपता

पहुँचने के तरीके

चोपता तक पहुँचना बहुत सुविधाजनक है:

  • सड़क मार्ग से: यह ऋषिकेश और हरिद्वार जैसे शहरों से सड़क मार्ग द्वारा अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है। आप हरिद्वार या ऋषिकेश से बस या टैक्सी द्वारा चोपता पहुँचते हैं।
  • रेल मार्ग से: चोपता का निकटतम रेलवे स्टेशन ऋषिकेश रेलवे स्टेशन है, जो भारत के सभी प्रमुख शहरों से जुड़ा हुआ है।
  • हवाई मार्ग से: निकटतम हवाई अड्डा जॉली ग्रांट हवाई अड्डा, देहरादून (लगभग 220 किमी दूर) है।

चोपता घूमने का सबसे अच्छा समय

चोपता घूमने का सबसे अच्छा समय आपकी पसंद पर निर्भर करता है:

  • सर्दियाँ (दिसंबर से मार्च): यह बर्फबारी और शीतकालीन खेलों का आनंद लेने का सबसे अच्छा समय है।
  • गर्मियाँ (मार्च से मई): यह मौसम सुखद और शांत रहता है (तापमान 5°C से 20°C के बीच), जो दर्शनीय स्थलों की यात्रा के लिए आदर्श है।
  • मानसून (जुलाई से सितंबर): इस दौरान चोपता हरी-भरी सुंदरता में होता है, लेकिन भारी बारिश और भूस्खलन का खतरा हो सकता है।

चोपता सिर्फ़ एक ट्रेकिंग डेस्टिनेशन नहीं है, बल्कि यह हिमालय की आत्मा को महसूस करने की जगह है। चाहे आप चंद्रशिला की चोटी से सूर्योदय देख रहे हों, तुंगनाथ मंदिर की आध्यात्मिक शक्ति को महसूस कर रहे हों या बग्यालों में टहल रहे हों – चोपता हर किसी के दिल में हमेशा के लिए बस जाता है।

By: Anushka Singhal

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