केरल के उत्तरी हिस्से में स्थित वायनाड (Wayanad) जिला अपनी मनमोहक हरियाली, ऊँचे पहाड़ों और समृद्ध सांस्कृतिक विरासत के कारण पर्यटकों के बीच लगातार लोकप्रिय हो रहा है। पश्चिमी घाट की गोद में बसा यह ‘ग्रीन पैराडाइज’ प्रकृति प्रेमियों, रोमांच के शौकीनों और इतिहास जानने वालों, सभी को अपनी ओर खींचता है। मलयालम में ‘वायल’ (Wayal) का अर्थ है धान का खेत और ‘नाड’ (Naad) का अर्थ है भूमि, इसलिए वायनाड को ‘धान की भूमि’ के नाम से भी जाना जाता है।
यहां के हरे-भरे जंगल, झरने, कॉफी के बागान और शांत झीलें हर यात्री को सुकून का अनुभव कराती हैं। लक्किडी व्यू प्वाइंट की ऊंचाइयों से लेकर बनासुरा सागर डैम की झील तक, वायनाड हर कदम पर एक नई कहानी सुनाता है।
यह जगह सिर्फ एक खूबसूरत हिल स्टेशन नहीं है, बल्कि सदियों पुराने इतिहास को संजोए हुए एक विरासत भी है।

वायनाड कैसे पहुंचे?
वायनाड का सबसे आसान रास्ता बेंगलुरु से सड़क मार्ग है।
दूरी: लगभग 270–320 किमी (रूट पर निर्भर)।
मार्ग: बेंगलुरु → मैसूर → गुंडलुपेट → मुथंगा → सुल्तान बाथेरी → कलपेट्टा (वायनाड)।
यह यात्रा लगभग 6–7 घंटे में पूरी होती है।
- बस/कैब: केएसआरटीसी बसें और टैक्सी आसानी से मिल जाती हैं।
- रेल: नजदीकी रेलवे स्टेशन कोझिकोड (कोज़िकोडे)। वहां से टैक्सी लेकर वायनाड पहुंच सकते हैं।
- हवाई मार्ग: सबसे नजदीकी हवाई अड्डा कैलीकट इंटरनेशनल एयरपोर्ट (65–90 किमी)।
यात्रा टिप: रास्ते में श्रीरंगपट्टन के ऐतिहासिक स्थल और बांदीपुर नेशनल पार्क में रुककर टाइगर स्पॉटिंग का आनंद लें।
वायनाड घूमने का सबसे अच्छा समय
वायनाड पूरे साल खूबसूरत रहता है, लेकिन अक्टूबर से फरवरी सबसे अच्छा समय है — मौसम ठंडा और साफ रहता है, जो ट्रेकिंग और सफारी के लिए उपयुक्त है।
मार्च–मई: गर्मी का मौसम, लेकिन पहाड़ी हवा के कारण सुहावना।
जून–सितंबर: मॉनसून का जादू यहां सबसे खास होता है। झरने, बादल और हरियाली का नज़ारा शानदार होता है, हालांकि ट्रेकिंग के दौरान फिसलन का ध्यान रखें।
लक्किडी व्यू प्वाइंट: वायनाड का प्रवेश द्वार
“वायनाड का गेटवे” कहलाने वाला लक्किडी व्यू प्वाइंट समुद्र तल से 700 मीटर की ऊंचाई पर है। यहां से नीचे फैली हरियाली, गहरी घाटियां और नौ हेयरपिन मोड़ वाला रास्ता शानदार दृश्य पेश करता है। इसे केरल का “चेरापूंजी” भी कहा जाता है, क्योंकि यहां सालभर बारिश होती रहती है।
सुझाव: सुबह-सुबह या शाम के समय यहां जाएं, जब बादल हटते हैं और सूरज की किरणें घाटियों पर चमकती हैं।
बनासुरा सागर डैम: पहाड़ों की गोद में झील

बनासुरा सागर डैम
कलपेट्टा से लगभग 21 किमी दूर स्थित बनासुरा सागर डैम भारत का सबसे बड़ा अर्थ डैम है। यह झील और आसपास के जंगलों का संगम है। यहां आप स्पीड बोटिंग, पेडल बोटिंग या शांत सैर का आनंद ले सकते हैं।
- टाइमिंग: सुबह 6 बजे से शाम 6 बजे तक
- एंट्री फीस: मामूली शुल्क
- बनासुरा हिल ट्रेक: रोमांच के शौकीनों के लिए 3–4 घंटे का ट्रेक जो आपको पूरी घाटी का शानदार नज़ारा दिखाता है।
- बेस्ट टाइम: अक्टूबर से मई
वायनाड के प्रमुख रिजॉर्ट्स और रहने की जगहें
- वायथिरी रिजॉर्ट (Vythiri Resort): ट्री हाउस और जंगल का अनुभव।
- लेक रोज रिजॉर्ट (LakeRose Resort): करापुझा डैम के किनारे शांत वातावरण।
- स्टर्लिंग वायनाड (Sterling Wayanad): वाइल्डलाइफ सेंचुरी के करीब।
- द विंडफ्लावर रिजॉर्ट (The Windflower Resort & Spa): सुल्तान बाथेरी के पास एकांत और आधुनिक सुविधाएं।
- पेपर ट्रेल: हेरिटेज बंगले और प्लांटेशन टूर का अनूठा अनुभव।
ट्रेकिंग, हाइकिंग और कॉफी एस्टेट्स
- चेम्ब्रा पीक: दिल के आकार की झील और खूबसूरत दृश्य, आधे दिन का ट्रेक।
- एडक्कल गुफाएं: प्राचीन शिलालेख और इतिहास प्रेमियों का आकर्षण।
- पक्षीपथलम: पक्षी प्रेमियों और वाइल्ड एक्सप्लोरर्स के लिए आदर्श।
- मीनमुट्टी फॉल्स: तीन स्तरों वाला झरना, जंगलों के बीच से होकर पहुंचते हैं।
- कॉफी एस्टेट टूर: बीज से लेकर रोस्टिंग तक की प्रक्रिया देखें, स्थानीय ब्लेंड्स का स्वाद लें और ताज़ी कॉफी खरीदें।

ऑफबीट आकर्षण और सांस्कृतिक स्थल
- जैन मंदिर के खंडहर: केरल की पहाड़ियों में उत्तर भारतीय स्थापत्य के निशान।
- थिरुनेल्ली मंदिर: ब्रह्मगिरि की गोद में स्थित प्राचीन तीर्थ।
- फैंटम रॉक: खोपड़ी आकार की अनोखी चट्टान, फोटोग्राफी के लिए प्रसिद्ध।
- वरम्बट्टा मस्जिद: पुरानी सांस्कृतिक विरासत का उदाहरण।
- कट्टुकुन्नु व्यू प्वाइंट: भीड़ से दूर सूर्योदय-सूर्यास्त देखने की बेहतरीन जगह।
क्या पैक करें और क्या खाएं
पैकिंग टिप्स:
- हल्के गर्म कपड़े, रेनकोट, मजबूत जूते और सनस्क्रीन।
- पानी, स्नैक्स और फर्स्ट एड साथ रखें।
- मॉनसून में छाता और कीटनाशक अनिवार्य हैं।
खानपान गाइड:
- मालाबार बिरयानी, ऐपम-स्ट्यू, फिश करी और पायसम ज़रूर ट्राई करें।
- स्थानीय फल, ताज़ी कॉफी और घर के बने अचार विशेष हैं।
- होमस्टे में बना पारंपरिक नाश्ता — पुट्टू, इडियप्पम और चाय — का आनंद लें।
वायनाड ट्रिप को कैसे जोड़ें
- वायनाड + मैसूर: महल, चिड़ियाघर और बृंदावन गार्डन देखें।
- वायनाड + ऊटी: नीलगिरी की चाय बगान और ठंडी हवाओं का अनुभव लें।
उदाहरण यात्रा योजना:
- दिन 1–2: लक्किडी व्यू प्वाइंट, एडक्कल गुफाएं, लोकल मार्केट।
- दिन 3: बनासुरा सागर डैम और मीनमुट्टी फॉल्स।
- दिन 4: चेम्ब्रा पीक ट्रेक और कॉफी प्लांटेशन टूर।
- दिन 5: ऊटी या मैसूर के लिए प्रस्थान।
वायनाड सिर्फ एक पर्यटन स्थल नहीं, बल्कि प्रकृति और संस्कृति का सुंदर संगम है। चाहे आप ट्रेकिंग के शौकीन हों या शांति के तलाश में, यहां की हरियाली और पहाड़ी जादू आपकी आत्मा को ताजगी देंगे। अगली बार जब आप केरल की यात्रा करें, तो वायनाड को अपनी लिस्ट में ज़रूर शामिल करें।
By: Anushka Singhal