भारत के सबसे उत्तरी क्षेत्र में स्थित, लेह लद्दाख की राजधानी और एक ऐसा गंतव्य है जहाँ प्रकृति अपने सबसे कच्चे और बेजोड़ रूप में दिखाई देती है। ऊँचे, बंजर पहाड़ों, गहरे नीले आकाश और शांत झीलों के बीच बसा लेह एक ‘शीत रेगिस्तान’ जैसा अनुभव देता है। यह स्थान सिर्फ एक यात्रा नहीं है, बल्कि एक साहसिक अभियान है जो आपकी आत्मा को आध्यात्मिकता और रोमांच से भर देता है। लेह अपनी बौद्ध संस्कृति, प्राचीन मठों और हिमालय की वादियों के कारण दुनिया भर के यात्रियों को आकर्षित करता है।
लेह एक उच्च ऊंचाई वाला शहर है, जो समुद्र तल से लगभग 3,500 मीटर की ऊँचाई पर स्थित है। यहाँ की जलवायु ठंडी और शुष्क होती है। लेह का इतिहास बौद्ध धर्म से गहराई से जुड़ा है और यह तिब्बती बौद्ध संस्कृति का एक महत्वपूर्ण केंद्र है। यहाँ के मठ, पारंपरिक घर और प्रार्थना चक्र (Mani Walls) इस संस्कृति को दर्शाते हैं। लद्दाखी लोग अपनी गर्मजोशी और मेहमाननवाजी के लिए जाने जाते हैं।
भारत का यह हिस्सा अक्सर ‘लैंड ऑफ हाई पासेज़’ यानी ऊँचे दर्रों की धरती कहलाता है। लेकिन जो यात्री यहाँ आते हैं, वे इसे प्यार, धैर्य और आज़ादी की धरती भी कहते हैं।
लेह का मौसम अपने आप में जादुई है। सर्दियों में जब तापमान –20°C तक गिर जाता है और चारों ओर बर्फ़ की चादर बिछ जाती है, तो पूरा इलाका किसी दूसरे ग्रह जैसा लगता है। वहीं गर्मियों में (मई से अक्टूबर) आसमान नीला, घाटियाँ हरी और पहाड़ बर्फ़ से चमकते हुए दिखते हैं। यही वो समय है जब लेह की खूबसूरती ‘नॉर्दर्न लाइट्स ऑफ इंडिया’ जैसी चमक बिखेरती है।

प्रमुख आकर्षण: प्रकृति और आध्यात्मिकता का संगम
लेह में हर तरह के यात्री के लिए कुछ न कुछ है:
- पैंगोंग त्सो (Pangong Tso): यह लेह का सबसे लोकप्रिय आकर्षण है, जो 14,000 फीट से अधिक की ऊँचाई पर स्थित एक खारे पानी की झील है। इसका सबसे बड़ा जादू यह है कि इसका रंग दिन के अलग-अलग समय में नीला, हरा और हल्का लाल होता रहता है।

पैंगोंग त्सो
- नुब्रा घाटी (Nubra Valley): खारदुंग ला पास पार करने के बाद आप इस ‘शीत रेगिस्तान’ में पहुँचते हैं। नुब्रा घाटी अपने दोहरे कूबड़ वाले बैक्ट्रियन ऊँटों और रेत के टीलों के लिए प्रसिद्ध है, जो ऊँचे पहाड़ों से घिरे हैं।
- खारदुंग ला पास (Khardung La Pass): यह दुनिया के सबसे ऊँचे मोटर योग्य दर्रों में से एक है, जो लेह को नुब्रा घाटी से जोड़ता है। यहाँ तक की यात्रा एक रोमांचक अनुभव है।

खारदुंग ला पास
- शांति स्तूप (Shanti Stupa): लेह की एक पहाड़ी पर स्थित, यह एक शांतिपूर्ण बौद्ध स्तूप है। आप यहाँ से पूरे लेह शहर, लेह पैलेस और आसपास के पहाड़ों का शानदार मनोरम दृश्य देखते हैं, खासकर सूर्यास्त के समय।

शांति स्तूप
- लेह पैलेस (Leh Palace): 17वीं शताब्दी में बना यह 9-मंजिला महल तिब्बत के ल्हासा पैलेस की याद दिलाता है। यह अब खंडहर में है, लेकिन यहाँ से शहर का बेहतरीन दृश्य दिखता है।
- हेमिस मठ (Hemis Monastery) और थिक्से मठ (Thiksey Monastery): ये लेह के सबसे महत्वपूर्ण और बड़े बौद्ध मठ हैं। आप यहाँ की शांत और आध्यात्मिक ऊर्जा को महसूस करते हैं।
लेह यात्रा से पहले ज़रूरी तैयारी
लेह की ऊँचाई (11,500 फीट) पर ऑक्सीजन कम होती है, इसलिए यात्री अक्सर AMS (Acute Mountain Sickness) महसूस करते हैं।
👉 पहले दो दिन सिर्फ़ आराम करें
👉 खूब पानी पिएं और शराब से बचें
👉 परतों में कपड़े पहनें – दिन गर्म और रात बेहद ठंडी होती है
👉 सनस्क्रीन, टोपी और सनग्लासेस ज़रूर साथ रखें
ठहरने और खाने का अनुभव
🏨 लक्ज़री होटल – द ग्रैंड ड्रैगन (The Grand Dragon Ladakh), ज़ेन लद्दाख (The Zen Ladakh), स्टोक पैलेस (The Stok Palace Hotel)
🏡 बजट होटल और गेस्ट हाउस – होटल कर्मा इन, होटल सिंग्गे पैलेस, लद्दाख सराय
⛺ कैम्पिंग – नुब्रा और पैंगोंग के किनारे तंबुओं में तारों भरे आसमान के नीचे रात बिताना
🍲 खाने में – मोमो, थुकपा, स्क्यू, बटर टी और खूबानी से बने प्रोडक्ट्स ज़रूर ट्राय करें।

पहुँचने के तरीके
लेह तक पहुँचना बहुत सुविधाजनक है:
- हवाई मार्ग से: कुशोक बकुला रिम्पोचे हवाई अड्डा (IXL), लेह का मुख्य हवाई अड्डा है। यहाँ से दिल्ली और अन्य प्रमुख शहरों के लिए सीधी उड़ानें उपलब्ध हैं।
- सड़क मार्ग से: मनाली और श्रीनगर से लेह के लिए बस और टैक्सी सेवाएँ उपलब्ध हैं। ये सड़कें केवल जून से सितंबर तक खुली रहती हैं।
लेह घूमने का सबसे अच्छा समय
लेह घूमने का सबसे अच्छा समय मई से सितंबर के बीच है। इस दौरान मौसम सुखद और शांत रहता है और सभी सड़कें खुली रहती हैं। अक्टूबर से अप्रैल के बीच, यहाँ का मौसम बहुत ठंडा होता है और सड़कें बर्फबारी के कारण बंद हो जाती हैं।
लेह एक ऐसी जगह है जो आपको जीवन के मायने सिखाती है। यहाँ आप खुद को प्रकृति के करीब महसूस करते हैं और जीवन के संघर्षों को भूलकर शांति पाते हैं। यही वजह है कि इसे सही मायनों में भारत का ‘Northern Lights’ कहा जाता है।
By: Anushka Singhal